Wednesday, August 25, 2010

Simdega : रक्षाबंधन में छुपा है आध्यात्मिक रहस्य व नैतिक संदेश


सिमडेगा। जिले में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया गया। बहनों ने भाईयों के माथे पर तिलक लगाने के बाद कलाई पर राखी बांधी। विभिन्न शिक्षण संस्थानों एवं धार्मिक स्थानों में भी रक्षाबंधन का पर्व पूरी आस्था एवं उत्साह से मनाया गया। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सिमडेगा शाखा में आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में सेवा केन्द्र की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी मूर्ति बहन ने रक्षा बंधन के आध्यात्मिक रहस्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस त्योहार के पीछे बहुत बड़ा नैतिक संदेश व आध्यात्मिक रहस्य छुपा है। वास्तव में रक्षा शब्द मनोविकारों से बचाव का प्रतीक एवं बंधन शब्द प्रतिज्ञा का प्रतीक है। आज के दूषित व अपवित्र वातावरण में जब मनुष्यों में घृणा व द्वेष बढ़ रहा है तथा नैतिक मूल्यों का तेजी से पतन हो रहा है ऐसे में व्यक्ति को आत्मरक्षा करके के साथ साथ बुराईयों से बचने की नितांत आवश्यकता है। रक्षा किसी बंदूक या तोप से नहीं बल्कि आत्मिक ज्ञान और योग से करनी है। बहन मूर्ति ने कहा कि राखी बांधते समय जो तिलक लगाया जाता है वह आत्म स्मृति का प्रतीक है और मुंह मीठा करने का अर्थ सदा मधुरता एवं मंगलमय जीवन से है। इस तरह से रक्षा बंधन सिर्फ त्योहार ही नहीं जीवन व्यवहार भी है। केन्द्र में आयोजित रक्षाबंधन कार्यक्रम में विमला बहन, संतोष बहन, केशर बहन, रजनी बहन, कमला बहन, रश्मि बहन, भ्राता सत्यानंद, रामनिवास भाई और शंभू भाई सहित कई माताएं व बहनें उपस्थित थीं।

No comments:

Post a Comment