Friday, November 27, 2009

Simdega Bakrid : अल्लाह की राह पर कुर्बानी का पर्व बकरीद

Simdega Bakrid : ईद-उल-अजहा(बकरीद) का त्योहार हजरत इब्राहिम (अ.) और उनके पुत्र हजरत इस्माईल की याद में मनाया जाता है। इस पर्व के मौके पर जानवरों को अल्लाह की राह पर कुर्बान किया जाता है। हजरत इब्राहिम को अल्लाह की तरफ से हुक्म हुआ कि वे अपने पुत्र हजरत इस्माईल(अ.) को मेरी राह पर कुर्बान करो। अल्लाह के हुक्म होते ही हजरत इब्राहिम अपने पुत्र को कुर्बान करने के लिये मीना की पहाड़ी पर ले गये और आंख पर पट्टी बांधकर गले पर छुरी चला दी। लेकिन अल्लाह के हुक्म पर छुरी नहीं चली और हजरत इब्राहिम अल्लाह के इम्तहान में कामयाब हो गए। इसी बीच अल्लाह की ओर से एक फरिश्ता वहां पर दुम्बा(जानवर) लेकर आते हैं और उसे कुर्बान किया जाता है। अल्लाह तआला को ये अदा इतनी पसंद आयी कि कयामत तक आने वाले मुसलमानों के लिये यादगार की चीज इबादत के शक्ल में करार दिया। दस जिलहिज्जा से बाहर जिल हिज्जा तक मुसलमान कुर्बानी कर सकते हैं। अल्लाह के पास कुर्बानी से बढ़कर कोई पसंदीदा अमल नहीं हो सकता। मौलाना शाहिद काशमी ने कहा कि ईद उल अजहा का नमाज पढ़ने लोग एक रास्ते से आएं और दूसरे रास्ते से लौटें। इस क्रम में नमाजियों को तक्बीरे-तशरीफ पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों का यह त्योहार मुर्सरत और सौहार्द से मनाना चाहिए। इधर पर्व को लेकर मुस्लिम बहुल इलाकों में खासी रौनक देखी जा रही है।

Monday, November 23, 2009

Simdega : न्याय, प्रेम और शांति के राजा हैं ख्रीस्त-बिशप बरवा


सिमडेगा। ख्रीस्त विश्वासी समुदाय ने ख्रीस्त राजा पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर धर्मप्रांत के विभिन्न पल्लियों में शोभायात्रा निकाली गयी एवं समारोही मिस्सा बलिदान का आयोजन किया गया। जिला मुख्यालय के समाटोली स्थित संत अन्ना महागिरजाघर में विशप विंसेंट बरवा की अगुवाई में मिस्सा पूजा संपन्न हुआ। इस मौके पर विशप विंसेंट बरवा ने अपने प्रवचन में कहा कि ख्रीस्त का राजत्व है नम्रता और सेवा। उन्होंने कहा कि ख्रीस्त सांसारिक राजा नहीं बल्कि न्याय, प्रेम व शांति के राजा हैं। संत पिता 11वें ने 1925 ई में ख्रीस्त राजा पर्व की स्थापना की। उस समय सांसारिकता बहुत बढ़ गयी थी और धर्म विरोधी तत्व भिन्न-भिन्न प्रकार से पनप रहे थे। विशप बरवा ने कहा कि बहुत से ख्रीस्तीय ख्रीस्त और कलिसिया के अधिकार पर संदेह करने लगे थे। अत: संत पिता ने इस महोत्सव की घोषणा की कि दुनिया देखे और जाने कि कलीसिया को भी स्वतंत्रता का अधिकार है और सरकार को उसके हितों की रक्षा करनी है। दूसरी बात यह है कि देश के नेता और सारा राष्ट्र यीशु ख्रीस्त को आदर और सम्मान प्राप्त करे। साथ ही ख्रीस्त भक्त इस मौके से साहस और शक्ति प्राप्त करे क्योंकि ख्रीस्त ही हमारे हृदय मन इच्छा और शरीर का संचालन करते है। विशप बरवा ने आगे कहा कि आज भी राष्ट्र के नेताओं, शासनकर्ताओं एवं आदिवासी समाज में भी बिखराव आ रहा है। इस प्रकार ख्रीस्त के अधिकार को स्वीकार करना कठिन है। उन्होंने कहा कि येशु ख्रीस्त ने राजा की भूमिका में सेवा भाव को दिखाया और ईश्वरीय राज्य की स्थापना की। जहां ईश्वर की दया, प्यार, क्षमा और चंगाई पायी जाती है। जहां न्याय और शांति है वहीं ईश्वर का राज्य है। विशप बरवा ने कहा कि ख्रीस्त हमारे मुक्तिदाता पुरोहित और राजा हैं। मिस्सा पूजा समारोह में विशप बरवा के सहयोगी फादर वीजी पीटर पाल सोरेंग, पल्ली पुरोहित इसीदर केरकेट्टा, फादर विजय तिर्की, फादर फिलमोन एक्का, फादर पौलुस कुजूर, फादर तोबियस, फादर वर्बट, फादर अलोईस, फादर यूजिन, फादर इग्नासियुस, फादर अजीत, फादर अर्थर ने किया। मिस्सा गीत का संचालन उर्सुलाइन की धर्मबहनें एवं छात्राओं ने की।