Friday, June 4, 2010

Simdega : हक व अधिकार के लिए संगठित हों मजदूर


सिमडेगा। झारखंड मजदूर यूनियन के 17वें स्थापना दिवस के अवसर पर मंगलवार को नगर भवन में अधिवेशन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व महालेखाकार बेंजामिन लकड़ा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर पंचायत उपाध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल उपस्थित थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री लकड़ा ने कहा कि मजदूरों को अपने हक व अधिकार की प्राप्ति के लिये संगठित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में सबसे बड़ा संगठन मजदूरों का है और मजदूरों को अपनी एकता कायम रखनी चाहिए। श्री लकड़ा ने कहा कि मजदूरों के लिये सरकार की ओर से कई योजनाएं चलायी जा रही है लेकिन जागरूकता के अभाव में वे योजनाओं का लाभ नहीं ले रहे हैं। उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए अधिवेशन में भाग ले रहे सभी मोटिया मजदूरों व रिक्शा चालकों से अपने-अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने का आग्रह किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित नगर पंचायत उपाध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि कई जगह मजदूरों के साथ शोषण किये जाने का मामला प्रकाश में आते रहता है। इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को मिलने के बावजूद वे कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि शहरी क्षेत्र के मजदूरों के लिये नगर पंचायत द्वारा चलाये जाने वाले योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाने का प्रयास किया जायेगा। यूनियन के जिला प्रभारी भगवान कुमार मिश्र ने मजदूरों की एकता और संगठन पर प्रकाश डाला। इससे पूर्व आगंतुक अतिथियों का स्वागत करते हुए यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने यूनियन के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 17 वर्ष पूर्व मजदूरों के खिलाफ होने वाले शोषण से लड़ने के लिये संगठन की नींव रखे थे जो आज एक विशाल पेड़ के समान हो गया है। उन्होंने कहा कि आज भी जिले में मोटिया मजदूरों के साथ शोषण किया जा रहा है लेकिन उनकी समस्याओं पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। इस अवसर पर मोटिया मजदूर व रिक्शा चालकों के लिये पहचान पत्र का वितरण किया गया। साथ ही कुलदीप सिंह को यूनियन का जिला उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया। कार्यक्रम में राजेश केरकेट्टा, घनश्याम राम, शिवचरण डोमरा, अघनू सिंह, विमल नायक, गोविंद मेहर, कुर्बान खान, अमर नायक आदि ने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में काफी संख्या में मोटिया मजदूर, राजमिस्त्री व रिक्शा चालक उपस्थित थे।