Saturday, February 20, 2010

Simdega : शहीद तेलेंगा खडि़या स्मारक स्थल पर अज्ञात लोगों ने की तोड़फोड़

जिला मुख्यालय स्थित शहीद तेलेंगा खडि़या स्मृति स्थल पर बीती रात अज्ञात लोगों द्वारा तोड़ फोड़ किये जाने की घटना को लेकर खडि़या समुदाय के लोग आक्रोशित हो गये। खडि़या समाज के लोगों ने स्मृति स्थल पर पहुंचकर घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह सामाजिक विद्वेष फैलाने का कार्य हुआ है। स्मारक स्थल में लगे झंडे एवं शहीद तेलेंगा की तस्वीर को फेंक दिये जाने से आक्रोशित मथियस कुल्लू, जेम्स डुंगडुंग, जेम्स पी केरकेट्टा, इस्माइल केरकेट्टा आदि ने घटना पर क्षोभ व्यक्त करते हुए डीसी से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। उपायुक्त ने मामले की जांच करके उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। समिति द्वारा डीसी को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि समाज विशेष की आस्था को चोट पहुंचाने, समाज में विद्वेष फैलाने तथा अशांति फैलाने के लिये उक्त घटना को अंजाम दिया गया है। उक्त पूजा स्थल में समाज के आदि पूर्वजों द्वारा आस्था के साथ पूजा होती आ रही है। ऐसी स्थिति में खडि़या समाज का उद्वेलित होना स्वाभाविक है। तोड़फोड़ करने वाले तत्वों को 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार करने की मांग उठायी गयी है।

Wednesday, February 17, 2010

Simdega : वेलेंटाइन डे पर भारी पड़ा मातृ-पितृ पूजन दिवस

सिमडेगा। रविवार को वेलेंटाइन डे के मौके पर एक ओर जहां प्रेमी युगलों ने उद्यानों व होटलों में बैठकर अपने प्रेम का इजहार करते हुए वेलेंटाइन डे मनाया वहीं दूसरी ओर योग वेदांत सेवा समिति के आह्वान पर सैकड़ों लोगों ने वेलेंटाइन डे का विरोध करते हुए इस दिन मातृ-पितृ पूजन दिवस आयोजित किया। जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी मातृ-पितृ पूजन दिवस के आयोजन हुए जिनमें बच्चों ने अपने माता-पिता के चरण स्पर्श करके उनका पूजन किया।

Simdega : दो मासूम बच्चों को मिली ममता की छांव

सिमडेगा । मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित अनाथ आश्रम में रह रहे दो मासूम बच्चों को ममता की छांव मिल गयी है। यहां की बाल कल्याण समिति के संरक्षण में चल रहे मीराकल फाउंडेशन नामक अनाथ आश्रम के पांच माह के धर्मेन्द्र तथा डेढ़ वर्षीय निरंतर को क्रमश: भुवनेश्वर एवं कोलकाता के दंपति ने गोद लिया और जीवन भर इन्हें गोद लेकर पुत्र के रूप में अपनाया। इन बच्चों को ममता की छांव मिलने के समय आश्रम में शहर के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि दो माह पूर्व दैनिक जागरण ने नन्हीं आंखें ढूंढ रही हैं मां का आंचल शीर्षक समाचार के जरिये यहां के अनाथ आश्रम में रह रहे इन बच्चों की खबर प्रकाशित की थी। उक्त खबर के प्रकाशित होने के बाद देश के कोने-कोने से लोगों ने बाल कल्याण समिति से संपर्क साधकर बच्चों को गोद लेने की इच्छा जतायी थी। सैकड़ों फोन दैनिक जागरण के कार्यालय में आये थे। इस क्रम में भुवनेश्वर के नि:संतान दंपति मनमोहन अग्रवाल ने सिमडेगा पहुंचकर बाल कल्याण समिति से एक बच्चा गोद देने का अनुरोध किया था। साथ ही कोलकाता निवासी ओमप्रकाश भरेच दंपति ने भी बच्चे को अपनाने की इच्छा जाहिर की थी। बच्चों को मां-बाप का प्यार मिले तथा उन्हें सुखी जीवन हासिल हो इसके प्रयासरत बाल समिति के अध्यक्ष तेजबल शुभम मीराकल फाउंडेशन के संस्थापक मंजीत सिंह परदेशी, समिति के अवधेश कुमार, साधु मलवा, प्रभा टेटे आदि ने गोद लेने के इच्छुक दंपतियों के बारे समुचित जानकारी हासिल करने के बाद कानूनी रूप से धर्मेन्द्र व निरंतर को गोद देने की तैयारी की थी। इधर दो बच्चों को मां का आंचल मिल जाने के बाद अब भी अनाथ आश्रम में 21 मासूम बच्चे ऐसे हैं जिन्हें ममता के छांव की तलाश है। फाउंडेशन के संस्थापक श्री परदेशी एवं समिति के अध्यक्ष श्री शुभम ने बताया कि बच्चों को अच्छे मां-बाप मिले इसके लिये समिति ने गोद देने की जटिल प्रक्रिया में कुछ बदलाव करते हुए इस दिशा में प्रयास तेज किये हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नि:संतान दंपतियों को भी समिति बच्चे गोद देगी जिनकी मासिक आय 5 हजार रुपये तक भी हो।

Simdega : पश्चताप व हृदय परिवर्तन का समय है चालीसा काल : विशप बरवा

सिमडेगा। ईसाई धर्मावलंबियों का चालीसा काल राख बुध के साथ शुरू हो गया। इस मौके पर धर्मप्रांत के सभी गिरजाघरों में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया और विश्वासियों के माथे पर राख के साथ क्रूस का चिन्ह अंकित किया गया। पुरोहितों ने राख लगाते हुए कहा कि पश्चताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो। इधर जिला मुख्यालय स्थित संत अन्ना महागिरजाघर में विशप विंसेंट बरवा की अगुवाई में समारोही मिस्सा बलिदान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशप बरवा ने अपने प्रवचन में कहा कि प्रार्थना त्याग तपस्या, उपवास और सेवा द्वारा पुण्य काल में प्रवेश करें। चालीसा काल पश्चताप करने और मन परिवर्तन करने का उपयुक्त समय है। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु हम सबों के लिये पुण्य कमा चुके हैं उसे हम सबों को अर्जित करना है। हम ऐसा कुछ न करें जो दिखावा के लिये है। आत्मिक प्रगति के लिये प्रार्थना और उपवास दोनों आवश्यक है। विशप बरवा ने अपने प्रवचन में कहा कि चालीसे का समय हमारे लिये मुक्ति और कृपा का समय है अर्थात ईश्वर की कृपा पर भरोसा रखते हुए चालीसा काल का शुरूआत करें। उन्होंने कहा कि धन-दौलत, रुपया जिसे हम कीमती समझते हैं परंतु ईश्वर ने हमें इनसे भी कीमती उपहार प्रेम, सेवा, दया, क्षमा, सहानुभूति विश्वास एवं भरोसा दिये हैं। इन्हीं गुणों को हम दूसरों के लिये देना सीखें। ये सभी गुण ख्रीस्तीय मूल्य हैं जो सिर्फ देने के लिये हैं। मिस्सा अनुष्ठान में विशप बरवा का सहयोग फादर इसीदोर केरकेट्टा, फादर आनंद जोजो, फादर मरियानुस लुगुन, फादर पौलुस कुजूर, फादर तोबियस सोरेंग, फादर अर्नेस्ट केरकेट्टा, फादर कुमार खाख व फादर यूजिन टोप्पो ने किया। दूसरी मिस्सा विकर जनरल फादर पीटर पौल सोरेंग व तीसरी मिस्सा फादर बर्बट कुजूर ने संपन्न कराया। कार्यक्रम में मिस्सा गीत का संचालन संत अन्ना छात्रावास की छात्राओं ने किया। समारोह में काफी संख्या में मसीही समुदाय के लोग उपस्थित थे।