Wednesday, February 17, 2010

Simdega : दो मासूम बच्चों को मिली ममता की छांव

सिमडेगा । मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित अनाथ आश्रम में रह रहे दो मासूम बच्चों को ममता की छांव मिल गयी है। यहां की बाल कल्याण समिति के संरक्षण में चल रहे मीराकल फाउंडेशन नामक अनाथ आश्रम के पांच माह के धर्मेन्द्र तथा डेढ़ वर्षीय निरंतर को क्रमश: भुवनेश्वर एवं कोलकाता के दंपति ने गोद लिया और जीवन भर इन्हें गोद लेकर पुत्र के रूप में अपनाया। इन बच्चों को ममता की छांव मिलने के समय आश्रम में शहर के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि दो माह पूर्व दैनिक जागरण ने नन्हीं आंखें ढूंढ रही हैं मां का आंचल शीर्षक समाचार के जरिये यहां के अनाथ आश्रम में रह रहे इन बच्चों की खबर प्रकाशित की थी। उक्त खबर के प्रकाशित होने के बाद देश के कोने-कोने से लोगों ने बाल कल्याण समिति से संपर्क साधकर बच्चों को गोद लेने की इच्छा जतायी थी। सैकड़ों फोन दैनिक जागरण के कार्यालय में आये थे। इस क्रम में भुवनेश्वर के नि:संतान दंपति मनमोहन अग्रवाल ने सिमडेगा पहुंचकर बाल कल्याण समिति से एक बच्चा गोद देने का अनुरोध किया था। साथ ही कोलकाता निवासी ओमप्रकाश भरेच दंपति ने भी बच्चे को अपनाने की इच्छा जाहिर की थी। बच्चों को मां-बाप का प्यार मिले तथा उन्हें सुखी जीवन हासिल हो इसके प्रयासरत बाल समिति के अध्यक्ष तेजबल शुभम मीराकल फाउंडेशन के संस्थापक मंजीत सिंह परदेशी, समिति के अवधेश कुमार, साधु मलवा, प्रभा टेटे आदि ने गोद लेने के इच्छुक दंपतियों के बारे समुचित जानकारी हासिल करने के बाद कानूनी रूप से धर्मेन्द्र व निरंतर को गोद देने की तैयारी की थी। इधर दो बच्चों को मां का आंचल मिल जाने के बाद अब भी अनाथ आश्रम में 21 मासूम बच्चे ऐसे हैं जिन्हें ममता के छांव की तलाश है। फाउंडेशन के संस्थापक श्री परदेशी एवं समिति के अध्यक्ष श्री शुभम ने बताया कि बच्चों को अच्छे मां-बाप मिले इसके लिये समिति ने गोद देने की जटिल प्रक्रिया में कुछ बदलाव करते हुए इस दिशा में प्रयास तेज किये हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नि:संतान दंपतियों को भी समिति बच्चे गोद देगी जिनकी मासिक आय 5 हजार रुपये तक भी हो।

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