Wednesday, February 17, 2010
Simdega : पश्चताप व हृदय परिवर्तन का समय है चालीसा काल : विशप बरवा
सिमडेगा। ईसाई धर्मावलंबियों का चालीसा काल राख बुध के साथ शुरू हो गया। इस मौके पर धर्मप्रांत के सभी गिरजाघरों में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया और विश्वासियों के माथे पर राख के साथ क्रूस का चिन्ह अंकित किया गया। पुरोहितों ने राख लगाते हुए कहा कि पश्चताप करो और सुसमाचार में विश्वास करो। इधर जिला मुख्यालय स्थित संत अन्ना महागिरजाघर में विशप विंसेंट बरवा की अगुवाई में समारोही मिस्सा बलिदान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विशप बरवा ने अपने प्रवचन में कहा कि प्रार्थना त्याग तपस्या, उपवास और सेवा द्वारा पुण्य काल में प्रवेश करें। चालीसा काल पश्चताप करने और मन परिवर्तन करने का उपयुक्त समय है। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु हम सबों के लिये पुण्य कमा चुके हैं उसे हम सबों को अर्जित करना है। हम ऐसा कुछ न करें जो दिखावा के लिये है। आत्मिक प्रगति के लिये प्रार्थना और उपवास दोनों आवश्यक है। विशप बरवा ने अपने प्रवचन में कहा कि चालीसे का समय हमारे लिये मुक्ति और कृपा का समय है अर्थात ईश्वर की कृपा पर भरोसा रखते हुए चालीसा काल का शुरूआत करें। उन्होंने कहा कि धन-दौलत, रुपया जिसे हम कीमती समझते हैं परंतु ईश्वर ने हमें इनसे भी कीमती उपहार प्रेम, सेवा, दया, क्षमा, सहानुभूति विश्वास एवं भरोसा दिये हैं। इन्हीं गुणों को हम दूसरों के लिये देना सीखें। ये सभी गुण ख्रीस्तीय मूल्य हैं जो सिर्फ देने के लिये हैं। मिस्सा अनुष्ठान में विशप बरवा का सहयोग फादर इसीदोर केरकेट्टा, फादर आनंद जोजो, फादर मरियानुस लुगुन, फादर पौलुस कुजूर, फादर तोबियस सोरेंग, फादर अर्नेस्ट केरकेट्टा, फादर कुमार खाख व फादर यूजिन टोप्पो ने किया। दूसरी मिस्सा विकर जनरल फादर पीटर पौल सोरेंग व तीसरी मिस्सा फादर बर्बट कुजूर ने संपन्न कराया। कार्यक्रम में मिस्सा गीत का संचालन संत अन्ना छात्रावास की छात्राओं ने किया। समारोह में काफी संख्या में मसीही समुदाय के लोग उपस्थित थे।
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