Sunday, December 27, 2009

Simdega : हाट बाजार में बढ़ रहा है मुर्गा लड़ाई का खेल


सिमडेगा। मुण्डारी भाषा में सिम का मतलब होता है मुर्गा तथा डेगा का मतलब है गांव। इन्हीं दो शब्दों के मेल से बना है सिमडेगा, यानि मुर्गा का गांव। सदियों से इस क्षेत्र में मुर्गे की लड़ाई का आनंद क्षेत्र का आदिवासी समुदाय लेता आया है। यहां के हाट बाजार में होने वाली मुर्गा लड़ाई को देखने के लिये सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जुटते हैं। खेल में मुर्गे की जीत हार पर पैसा लगाने की परम्परा रही है। अब यह खेल बड़े पैमाने पर चलने लगा है और कुछ लोगों का व्यवसाय बन चुका है। धंधे में हजारों रुपये दांव पर लग रहे हैं। धीरे-धीरे मुर्गा लड़ाई के खेल का स्वरूप बढ़ता जा रहा है। खेल का नशा ऐसा चढ़ा है कि शहरी क्षेत्र से भी लोग मोटरसाइकिल-कार पर सवार होकर उन हाट बाजार में पहुंचते हैं जहां मुर्गा लड़ाई पर बड़े दांव लगाये जाते हैं। कई बार मुर्गा लड़ाई के दौरान मारपीट की भी नौबत आती है। यहां उल्लेखनीय है कि दो मुर्गो को मैदान में उतारने से पहले इनके बायें पैरों पर चाकूनुमा धारदार चीज बांधी जाती है। इसी हथियार से मुर्गा अपने प्रतिद्वंदी पर वार करता है। लड़ाई में जो मुर्गा घायल होकर भाग जाता है वह मुर्गा सामने वाला ग्रामीण अपने साथ ले जाता है। इसके अलावा वहां लड़ाई देखने वाले लोगों के द्वारा लगायी गयी बाजी के अनुसार उन्हें दोहरा पैसा मिलता है। बाजार में तेजी से बढ़ रहे मुर्गा लड़ाई के खेल और इसमें लगने वाले दांव पर पुलिस प्रशासन की कोई रोक नहीं है।

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